आहार में पाए जानेवाले तीन मुख्य प्रकार के पौष्टिक तत्त्व हैं (स्निग्ध पदार्थ), प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट्स। लिपिड्स (स्निग्ध पदार्थ) शब्द ‘चरबी’ एवं ‘तेल’ दोनों के वर्णन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आहार में उपलब्ध द्रव स्वरूप की ’चरबी’ को ही ‘तेल’ कहा जाता है।
चरबी / तेल के अतिरिक्त सेवन से संबंधित समस्याएं :-
चरबी अथवा तेल के अतिरिक्त सेवन से स्वास्थ्य की कुछ समस्याएं होती हैं वे निम्नलिखित हैं:
१. वजन बढ़ना
२. उच्च रक्तदाब [अतिरिक्त रक्तदाब]
३. धमनियों में अवरोध निर्माण होना [एथरोस्क्लेरोसिस] (धमनियों के अंदरुनी दीवारों पर चरबी जमा हो जाना)
४. दिल का दौरा [दिल के स्नायु में खून की गुठलियां बन जाती हैं जिससे धमनियां बंद हो जाती हैं]
५. मधुमेह
६. कोलोस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
७. जोड़ो में सूजन होना और गठिया
८. विभिन्न प्रकार के कैंसर
‘संतृप्त चरबी’ (सैच्युरेटेड फैट्स) वास्तव क्या है?
‘संतृप्त चरबी’ यानी ऐसी चरबी जो सामान्य तापमान में ‘घन स्वरूप में’ (गाढी) होती है, यह चरबी उर्जा का एक उत्तम स्त्रोत है परन्तु कई आरोग्यविषयक समस्याओं को आमंत्रित कर सकती है।
‘संतृप्त चरबी’ के स्त्रोत क्या हैं?
१. घी
२. मक्खन
३. चॉकलेट
४. चीज़
५. सूखा नारियल