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(यह क्या होता है? और इस पर काबू कैसे पाएं?)

तनाव क्या है?

हम सभी अपने जीवन में किसी न किसी समय पर तनाव का अनुभव करते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में जब हमें परेशानियों या चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तब हमारे शरीर द्वारा जो शारीरिक, मानसिक, व्यवहारिक / भावनात्मक प्रतिक्रिया होती है, उसे हम तनाव कहते हैं। ये चुनौतियाँ और आवश्यकताएँ विभिन्न साधनों और रूपों में हमारे जीवन में आ सकती हैं, जैसे कि:

⦁ कार्य / नौकरी से संबंधी दबाव / असुरक्षा ⦁ रिश्तों में अनबन ⦁ दीर्घ कालीन बीमारी या जख्म / दुर्घटनाएं ⦁ प्राकृतिक आपदाएँ (जैसे कि, बाढ़, भूकंप, महामारी, आदि) ⦁ वित्तीय समस्याएँ ⦁ निकटतम व्यक्ति की मृत्यु

तनाव के क्या लक्षण हैं?

जब भी हम तनावपूर्ण स्थिति से निपट रहे होते हैं, तब हमारा शरीर बहुतसारे रासायनिक (हार्मोनल) परिवर्तनों से गुज़रता है। इन परिवर्तनों के माध्यम से हमारा शरीर तनावपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार करने की कोशिश करता है। ये परिवर्तन शारीरिक लक्षणों के रूप में प्रकट होते हैं जिससे हमें पता चलता है कि हम तनाव में हैं, जैसे कि :

• घबराहट • सरदर्द • थकान • शुष्क मुँह • बहुत ज़्यादा पसीना आना • हाथ और पैर ठंडे पड़ जाना • पेट खराब होना (दस्त, कब्ज) • नींद ना आना (अनिद्रा) • दिल की धड़कन तेज़ होना (धकधकी) • साँसें तेज़ हो जाना

तनाव अच्छा है या बुरा?

जब भी हम एक तनावपूर्ण स्थिति (शारीरिक, भावनात्मक, आदि) से सामना करते हैं, तो हमारा शरीर कुछ हार्मोन (कोर्टिसोल, एड्रेनालिन, नोर-एड्रेनालिन, आदि) के जरिये उसको प्रतिक्रिया देता है। यह हमारे मस्तिष्क को सचेत करता है, नाड़ी बढ़ाता है, साँसें तेज करता है, मांसपेशियों को तनावपूर्ण बनाता है, संक्षेप में, महत्वपूर्ण अंगों (मस्तिष्क, हृदय आदि) को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है और तनावपूर्ण स्थिति को संभालने के लिए हमारे शरीर को तैयार करता है। इसे “फ़ाइट या फ़्लाइट” रेस्पॉन्स कहा जाता है, या हमारे शरीर का आत्मसुरक्षा का तरीका।

मगर सवाल यह है कि, यह हमारे लिए अच्छा है या बुरा?

कम समय का तनाव हमारे लिए उपयोगी हो सकता है क्योंकि, यह हमारे शरीर को उचित कार्य के लिए प्रेरित करता है, हमें सतर्क करता है, बेहतर तैयार और केंद्रित करता है ताकि हम तनाव में कार्य कर सकें। यह हमें समय पर कार्य पूरा करने में मदद करता है, परीक्षा पास करना, हमारे स्वयं को भयावह / खतरनाक परिस्थितियों (जैसे दुर्घटना, चोट, आग, बाढ़, आदि) से बचाता है। जब हम तनावपूर्ण स्थिति पर काबू पा लेते हैं तब हमारा शरीर सामान्य शारीरिक अवस्था में लौट आता है। दूसरे शब्दों में, यह स्थिति को प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में हमारी मदद करता है।

कभी-कभी, जब तनावपूर्ण स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, और शरीर इससे लड़ता रहता है, तब तनाव दीर्घकालीन हो जाता है। लम्बे समय की तनावपूर्ण स्थिति हमारे स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है। दीर्घकालीन तनाव के दौरान, हमारा शरीर निरंतर सतर्क रहता है, भले ही उत्तेजना पैदा करने वाला तनाव बहुत पहले ही समाप्त हो गया हो। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। यह हमारे शरीर में विभिन्न प्रणालियों (जैसे हृदय, श्वसन, तंत्रिका, पाचन, प्रतिरक्षा प्रणाली, आदि) को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि समय पर ठीक नहीं किया गया, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

• उच्च ब्लड प्रेशर • डायबिटीज • ऐसिडिटी और पेट / आंत के अल्सर • अपचन • ह्रदय की बीमारियों का खतरा बढ़ जाना (जैसे दिल का दौरा) • चिंता और उदासी • मोटापा / अत्याधिक वजन कम होना • रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी (बार-बार संक्रमित होना) • अनिद्रा (रातों को नींद न आना) / अत्यधिक नींद आना • त्वचा की जलन • “ब्रेन फॉग” या निर्णय-क्षमता में कमी • स्त्री रोग • यौन रोग • थकान • चिड़चिड़ापन

दीर्घकालीन तनाव से कैसे बचें?

तनाव हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह हमारे जीवन से पूरी तरह से नहीं जा सकता। छोटी अवधि का तनाव फायदेमंद हो सकता है क्योंकि, यह हमारे जीवन में आनेवाली चुनौतियों, कठिनाइयों और समस्याओं को दूर करने में हमारी मदद करता है।

लेकिन, लंबे समय का तनाव, यानी दीर्घकालीन तनाव हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। अगर हम फिट और स्वस्थ रहना चाहते हैं तो हमें इससे उभरने का रास्ता स्वयं ढूँढना चाहिए।

लेकिन ये कैसे करें?

चिंता ना करें; यह बहुत मुश्किल नहीं है।

हमें तनाव के कारणों पर ध्यान देना होगा जो हमारे जीवन में तनाव के लिए ज़िम्मेदार हैं और उन्हें दूर करने के तरीकों के बारे में सोचना होगा। हमारे शरीर और मन को आराम देने के तरीकों का अभ्यास करने से हमें तनावपूर्ण स्थिति में शांत और संतुलित प्रवृत्ति से मदद मिल सकती है। यह हमारे स्वास्थ्य पर तनाव के प्रतिकूल प्रभावों को बेअसर करने के लिए आवश्यक है। इससे कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने की हमारी क्षमता में भी सुधार होता है।

अब देखते हैं कि यह कैसे करना है:

नीचे दी गई कुछ बातों का यदि हम पालन करें, तो वे इस लम्बे समय वाले तनाव पर काबू पाने में हमारी मदद कर सकती हैं, जैसे कि:

१. ईश्वर में आस्था और विश्वास रखना, नियमित प्रार्थना करना और स्वयं को ईश्वर के चरणों में समर्पित करना। २. घर के काम, साफ-सफाई, खाना बनाना, बागवानी, आदि जैसे रोजमर्रा के कामों में खुद को व्यस्त रखना (यह मन को व्यस्त रखेगा और तनाव के स्रोत से ध्यान हटाएगा, कम से कम उतने समय के लिए)। ३. नियमित व्यायाम करना: (यह हमारे दिमाग और शरीर को तनाव से प्रभावी रूप से निपटने के लिए फिट रखता है) ४. स्वस्थ और संतुलित आहार लेना। ५. घर से बाहर नियमितरूप से पैदल चलना: यह हमारे मन को विश्राम देता है और हमारी नसों को शांत करने में मदद करता है। ६. अच्छा सुखदाई संगीत सुनना। (यह मन को शांत करता है)। ७. प्रभावी रूप से अपने समय का नियोजन करने के लिए सीखना। (प्रभावी समय प्रबंधन हमें कुछ तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने में मदद कर सकता है जैसे कि, समय सीमा अनुसार कार्य पूरा करना, परीक्षा में सफलता पाना, आदि)। ८. परिजनों और दोस्तों के साथ समय बिताना: (यह हमें आराम और शांती देता है और हमारे मन को सकारात्मक बनाता है) ९. कुछ शौक जैसे गाना, नृत्य, कोई साज़ बजाना, बागवानी करना, आदि और इसके लिए समय निकालना: (यह हमारे मन को शांत करने में मदद करता है उसे व्यस्त रखता है)। १०. सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए अच्छी प्रेरक किताबें पढ़ना। ११. विश्राम के तकनीकों का अभ्यास: (गहरी सांस लेना और अन्य प्राणायाम, ध्यान, योगासन, आदि)। १२. पर्याप्त नींद लेना (इससे शरीर को आवश्यक आराम मिलता है और तनाव से प्रभावी रूप से निपटने के लिए हमारे मन और शरीर फिट रहते हैं) १३. सकारात्मक सोच वाले लोगों की संगति में रहना। १४. यदि आवश्यक हो, तो तनाव प्रबंधन में प्रशिक्षित कोउन्सेलर की सलाह लें।

जैसा कि हम जानते हैं, हम अपने जीवन से तनाव को पूरी तरह से निकाल नहीं सकते; यह हमारे जीवन का हिस्सा है। कोई तनाव न हो, तो चुनौतियां और बाधाएं नहीं होंगी, और यदि कोई चुनौयां और बाधाएं न हों, तो हम जीवन में प्रगति नहीं कर पाएंगे।

लेकिन साथ ही साथ, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तनाव कभी इतना बड़ा न हो जाए कि यह हमें बीमार कर दे या हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल दे। जब भी ऐसा होने लगे, हमें अवगत होना चाहिए और इसे पराजित करने के लिए उपरोक्त साधनों का पालन करके इसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि, स्वास्थ्य दिव्य सम्पत्ति है और हमें इससे समझौता नहीं करना चाहिए।

REFERENCES:

1.https://images.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/stress-management/in-depth/stress-symptoms/art-20050987#:~:text=Indeed, stress symptoms can affect,heart disease, obesity and diabetes. 2.https://med.stanford.edu/news/all-news/2012/12/good-stress-bad-stress.html 3.https://images.psychologytoday.com/us/blog/the-wide-wide-world-psychology/201601/why-stress-is-both-good-and-bad 4.https://images.medicalnewstoday.com/articles/145855 5.https://images.stress.org/how-the-fight-or-flight-response-works