आहार में पाए जानेवाले तंतुमय पदार्थों का वर्गीकरण एवं स्रोत :
आहार का तंतुमय पदार्थ वनस्पति का एक खाद्य भाग (एक तरह का मिश्र कार्बोहैड्रेट) है, जिसका पेट एवं छोटी आँत में पाचन नहीं होता परंतु बड़ी आँत में अंशत: खमीर होने लगता है। मानवी शरीर में, तंतुमय पदार्थ पूर्णरूप से पचा पानेवाले एनजाइम (किण्वक) नहीं होते। आहार में पाए जानेवाले तंतुमय पदार्थ बहुत कम कैलोरिक (ऊषमीय) मूल्य के होते हैं परन्तु पाचन मार्ग में अन्य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा वे अधिक स्थान व्याप्त करते हैं, जिसके कारण पेट भर जाने का अहसास होता है और भूख की तृप्ति जल्दी होती है।
आहार में तंतुमय पदार्थ दो विस्तृत वर्गों में बांटा गया हैं।
१. पिघलने वाले तंतुमय पदार्थ (घुलनशील)
२. न पिघलने वाले तंतुमय पदार्थ (असमाधेय)
१. पिघलनेवाले (घुलनशील) तंतु:
* बड़ी आंत में (घुलनशील) तंतु पानी आकर्षित करते हैं उसमें इस तरह से घुलते हैं कि उससे एक जेल जैसा पदार्थ तैयार होता है।
* ये तंतु पाचन क्रिया को मंद कर देते हैं जिसकी वजह से पाचन मार्ग से चर्बी एवं शक्कर का शोषण खून में धीमी गति से होता है (खून में मंदगति से शोषण होता है) पाचन क्रिया मंद होने के कारण ‘मल’ को पर्याप्त मात्रा में तैयार होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
* पिघलनेवाले (घुलनशील) तंतु पाचन मार्ग में जीवाणुओं के कारण किण्वित होते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, विशिष्ठ गैस एवं अन्य किण्वित पदार्थों का उत्पादन होता है जैसे; (ब्यूटरेट, शॉर्ट चेन फैटी ऐसिड बनते हैं।)
* किण्वन के कारण बने पदार्थ, बड़ी आँत में अच्छे जीवाणुओं की वृद्धि में मदद करते हैं, जो कई शारीरिक क्रियाओं पर तथा स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक परिणाम करते हैं।
२. न पिघलनेवाले तंतुमय पदार्थ:
* हमारे पाचन मार्ग में न पिघलनेवाले तंतु पानी में नहीं पिघलते।
* आंत के जीवाणुओं से वे किण्वित नहीं होते।
* ये मल को घनता प्रदान करनेवाले घटक के तौर पर कार्य करते हैं।
* ये तंतु बड़ी आँत की गतिविधि में वृद्धि करते हुए पाचनक्रिया की गति बढ़ाते हैं।
हमारे रोज़मर्रा के आहार में लगभग २५-३० ग्रॉम प्रति दिन तंतुमय पदार्थों की आवश्यकता होती है।
आहार में तंतुमय पदार्थों के स्त्रोत कौनसे हैं?
घुलनेवाले तंतुमय पदार्थों के स्त्रोत हैं :-
लेग्युम्स (जिसमें लंबे, हरे सेंग लगते है ऐसी वनस्पति के प्रकार हैं) :
१. काले मटर
२. राजमा
३. मसूर
४. मटर
५. मूँगफली
अनाज :
१. ओट्स
२. ओट का दरदरा आटा
३. ओट का भूसा
४. चावल
५. जव
फल :
१. चकोतरा
२. ज़र्दालू
३. आम
४. संतरा/नारंगी
५. सूखा अंजीर
६. नाशपाती
७. केला
८. पपीता
९. आलू
१०. सूरण
११. कुकुरमुत्ता/छत्रक
सब्ज़ियाँ :
१. अंकुर वाले ब्रुसेल्स
२. एवोकैडो/रुचिरा
३. शकरकंद
४. गाजर
५. अलसी
६. चुकंदर
७. कोंहड़ा
न पिघलनेवाले तंतुमय पदार्थों के स्रोत हैं :
१. गेहूँ / गेहूँ का आटा
२. गेहूँ का दरदरा आटा
३. नट्स (सख्त छिलके वाले फल) एवं बीज
४. बेर/बदरी
५. द्विदल अनाज एवं मसूर समान दालें
६. अनन्नास
७. सेब
८. खजूर
९. मुनक्का
१०. खरबूज
११. हरे पत्ते वाली सब्जियाँ जैसे - पालक, लेटिष (सलाद पत्ता), आदि
१२. ताज़े मटर
१३. सेलरी/अजवायन
१४. भिंडी
१५. ब्रोकोली
१६. फूलगोभी
१७. टमाटर
१८. ककड़ी/खीरा
१९. सीरिअल्स (अकुंर वाले सूखे चने, मटर आदि)
२०. पत्तागोभी
२१. प्याज
२२. बैंगन